Saturday 27 July 2013

महाराजा तुकोजीराव होलकर (द्वितीय)

महाराजा तुकोजीराव होलकर द्वितीय

क्या आप यकीन कर सकते हैं कि गुलाम भारत में अंग्रेज सरकार को कोई भारतीय महाराजा कर्ज भी दे सकता है। वो भी थोड़ा-बहुत नहीं पूरे एक करोड़ रुपए का। जी हां यह पूरी तरह सच है और इतिहास के पन्नों में दर्ज भी है। इंदौर के होलकर राजवंश के महाराजा तुकोजीराव होलकर द्वितीय ने ब्रिटिश गर्वनर को इंदौर के आसपास रेलवे के तीन सेक्शन को जोडऩे के लिए रेलवे लाइन बिछाने के लिए एक करोड़ रुपए का कर्ज दिया था।ब्रिटिश गर्वनर ने तुकोजीराव होलकर द्बितीय से 1869 में एक करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। यह कर्ज 101 वर्ष के लिए 4.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर दिया गया था। जमीन पूरी तरह नि:शुल्क मुहैया कराई गई थी। 25 मई 1870 को शिमला में वायसरॉय और गर्वनर जनरल इन कौंसिल ने इस समझौते पर मुहर लगाई थी।
 इस भारतीय राजा ने दिया कर्ज, तब पूरा हुआ अंग्रेजों का सपना
पूरे जिले में रेलवे लाइन की कुल लंबाई 117.53 किमी थी। जो रेलवे के तीन सेक्शन इंदौर-खंडवा, इंदौर-रतलाम-अजमेर और इंदौर- देवास-उज्जैन में बंटी थी।
महाराजा तुकोजीराव होलकर ( द्वितीय) ने दिया कर्ज, तब पूरा हुआ अंग्रेजों का सपना पूरे जिले में रेलवे लाइन की कुल लंबाई 117.53 किमी थी। जो रेलवे के तीन सेक्शन इंदौर-खंडवा, इंदौर-रतलाम-अजमेर और इंदौर- देवास-उज्जैन में बंटी थी।
होलकरों से कर्ज लेने के बाद अंग्रेजों ने 1869 में खंडवा-इंदौर रेलवे लाइन का निर्माण किया। बाद में इस रेललाइन को होलकर स्टेट रेलवे कहा जाने लगा।

होलकरों से कर्ज लेने के बाद अंग्रेजों ने 1869 में खंडवा-इंदौर रेलवे लाइन का निर्माण किया। बाद में इस रेललाइन को होलकर स्टेट रेलवे कहा जाने लगा।
तुकोजीराव होलकर द्बितीय के 42 वर्ष लंबे शासन काल में इंदौर स्टेट ने अधोसंरचना के मामले में जबरदस्त विकास और समृद्धि हासिल की।
 इंदौर में टेस्टिंग के लिए पहला रेलवे इंजन हाथियों द्वारा खींचकर ट्रैक तक लाया गया था। इस चित्र में 1869 से 1876 तक मध्यभारत में गर्वनर जनरल के एजेंट रहे जनरल सर हेनरी डेली नजर आ रहे हैं। 1877 में रेलवे पूरी तरह काम करने लगी थी।
इंदौर से उज्जैन तक विस्तारित रेलवे लाइन को राजपूताना-मालवा रेलवे भी कहा जाता था। यह एक मीटरगेज लाइन है।
महाराजा तुकोजीराव होलकर द्वितीय मध्य भारत के पहले ऐसे शासक थे जिन्होंने रेलवे की स्थापना और उसके लाभ को समझते हुए दक्षिण और उत्तर भारत को जोडऩे के लिए रेलवे ट्रैक बनाने हेतु धन मुहैया कराया।
 PAL SAMAAJ INTERNATIONAL COMMUNITY SHEPHERDS.
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